डाइट का लॉन्ग टर्म इफेक्ट: जवानी में खाया-पिया बुढ़ापे में भी देगा फायदा
यदि आप बुढ़ापे में एक स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो जवानी में ही अपने खानपान को नियंत्रित करना होगा. क्योंकि जो भोजन या खाद्य पदार्थ आपने अपनी जवानी में लिए हैं, उनके अनुसार ही आपके शरीर और स्वास्थ्य का निर्माण हो रहा है. वैसे भी हम जैसा खाएंगे वैसा ही असर शरीर पर होगा. तो यदि आप चाहते हैं कि बुढ़ापे में भी आपको कोई बीमारी न हो तो आज से ही अपनी खाने पीने की आदतों में बदलाव कर दीजिए. इसकी शुरुआत युवा अस्वस्था में ही करनी होगी. इस बात की खोज की है कि 70 वर्ष की आयु में स्वस्थ रहने के लिए जवानी में किया गया खानपान कितना जिम्मेदार है. 30 साल तक चले इस शोध के चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं.
इन बातों को किया गया शोध में शामिल
शोधकर्ताओं ने 40, 50 और 60 वर्ष की आयु वाले एक लाख से अधिक लोगों पर शोध किया. शोध में व्यक्ति के खान पान की आदतों को शामिल किया गया था. हालांकि शोध का मुख्य हिस्सा खान पान ही रहा. शोध में पाया गया कि जो लोग संतुलित आहार ले रहे थे उन्हें अन्य लोगों के मुकाबले बीमारियां न के बराबर थीं.
कम वसा वाला भोजन फायदेमंद
शोध में पाया गया कि कम वसा वाला भोजन लोगों को स्वस्थ रखने में खासा मददगार साबित हुआ. उनके मुकाबले जिन लोगों ने ज्यादा वसा वाला भोजन या अल्ट्रा प्रोसेस्डफूड का प्रयोग किया. अध्ययन में शामिल किए गए लोगों के खाने पीने की वस्तुओं को नोट करके रखा गया. किसने कब क्या खाया, कितना खाया इसे भी अध्ययन में दर्ज किया गया.
9.3 प्रतिशत लोगों ने किया पौष्टिक भोजन
शोध में शामिल किए लोगों में से केवल 9.3 प्रतिशत लोगों ने ही पौष्टिक भोजन को अपनाया. ऐसे लोगों का स्वास्थ्य 70 वर्ष की आयु में भी दूसरे के मुकाबले बहुत बेहतर पाया गया. इन लोगों ने अपने भोजन क्या-क्या शामिल किया और किस तरह से भोजन किया इसे भी प्रकाशित किया गया है.
संतुलित आहार जरूरी
शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों ने फल, सब्जी, साबुत अनाज, मेवे, फलियां, कम वसा वाले डेयरी उत्पादों का प्रयोग किया उन्होंने डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल संबंधी बीमारियों को काफी कम किया. फिलहाल वह लोग अन्य लोगों के मुकाबले बेहतर जीवन जी रहे हैं.